PM Dhan Dhanya Krishi Yojana 2025 Details: ₹24,000 करोड़ की इस महा-योजना से हर खेत तक पहुँचेगा पानी, कैसे करें आवेदन, और किन किसानों की बदलेगी किस्मत? पूरी जानकारी पढ़ें…
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने देश के कृषि क्षेत्र को नया आयाम देने के लिए प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PMDDKY) 2025 को लॉन्च कर दिया है। यह योजना भारतीय कृषि में एक गेम चेंजर साबित होने वाली है, क्योंकि यह पारंपरिक योजनाओं से हटकर एक एकीकृत (Integrated) दृष्टिकोण अपनाती है। ₹24,000 करोड़ के वार्षिक बजट वाली यह स्कीम, देश के 100 सबसे कम प्रदर्शन करने वाले कृषि जिलों पर केंद्रित है, जिसका लक्ष्य अगले 6 वर्षों (2025-26 से 2030-31) में उनकी पूरी तस्वीर बदल देना है।
इस योजना की सबसे बड़ी ताकत कन्वर्जेंस है—यानी, 11 अलग-अलग मंत्रालयों की 36 मौजूदा कृषि योजनाओं को एक ही मंच पर लाना। इससे किसानों को सब्सिडी, ऋण, सिंचाई, और फसल बीमा जैसी सेवाओं के लिए अलग-अलग कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
पीएम धन धान्य कृषि योजना का मूल मंत्र क्या है? (Key Mantra of PMDDKY)
PMDDKY का लक्ष्य केवल फसल उगाना नहीं, बल्कि किसानों को बाजार की ताकतों से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। इसे समझने के लिए यहाँ इसके 5 मुख्य लक्ष्य (Core Objectives) दिए गए हैं:
- उत्पादकता बढ़ाना (Enhancing Productivity): आधुनिक तकनीक, AI-आधारित सलाह और बेहतर बीजों का उपयोग करके प्रति हेक्टेयर फसल की उपज को बढ़ाना।
- फसल विविधीकरण (Crop Diversification): किसानों को पारंपरिक धान-गेहूं के चक्र से निकालकर दालों, तिलहन, बागवानी (Horticulture), और मोटे अनाजों की ओर प्रोत्साहित करना।
- बुनियादी ढांचा मजबूत करना (Strengthening Infrastructure): ब्लॉक और पंचायत स्तर पर नए गोदाम, कोल्ड स्टोरेज और प्राथमिक प्रसंस्करण इकाइयों (Primary Processing Units) का निर्माण।
- सिंचाई का विस्तार (Expanding Irrigation): ‘हर खेत को पानी’ सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना सहित अन्य योजनाओं के संसाधनों का एकीकरण करना।
- ऋण सुविधा (Credit Access): किसानों, विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों के लिए संस्थागत कृषि ऋण (Agricultural Loans) की उपलब्धता को सरल और सस्ता बनाना।
❓ लोग क्या पूछ रहे हैं: PMDDKY से जुड़े 3 सबसे बड़े सवाल (People Also Ask – PAA)
1. PM धन धान्य कृषि योजना का लाभ किन-किन जिलों को मिलेगा?
यह योजना देश के 100 विशिष्ट कृषि जिलों पर केंद्रित है। इन जिलों का चयन तीन मुख्य मानदंडों के आधार पर किया गया है:
- कम उत्पादकता (Low Productivity): जहाँ प्रति हेक्टेयर उपज राष्ट्रीय औसत से काफी कम है।
- फसल सघनता की कमी (Low Cropping Intensity): जहाँ किसान साल में केवल एक या दो ही फसलें ले पाते हैं।
- कम ऋण वितरण (Low Credit Disbursement): जहाँ किसानों को बैंकों से आसानी से लोन नहीं मिल पाता।
नोट: प्रत्येक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश से कम से कम एक जिला अनिवार्य रूप से शामिल किया गया है ताकि देश के हर कोने में कृषि विकास का लाभ पहुँचे।
2. प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना के लिए आवेदन कैसे करें?
चूँकि यह योजना कई मौजूदा स्कीमों का एकीकरण है, इसलिए किसानों को एक सरल प्रक्रिया अपनानी होगी:
- पहला चरण: ऑनलाइन पोर्टल: सरकार जल्द ही एक समर्पित PMDDKY पोर्टल और एक मोबाइल ऐप लॉन्च करेगी। किसान अपनी आधार संख्या और किसान पंजीकरण संख्या का उपयोग करके यहाँ पंजीकरण कर सकते हैं।
- दूसरा चरण: स्थानीय संपर्क: किसान अपने जिला धन-धान्य समिति, कृषि विभाग कार्यालय, या कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) से संपर्क करके ऑफलाइन आवेदन फॉर्म और विस्तृत मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं।
- आवश्यक दस्तावेज़: आधार कार्ड, बैंक खाते का विवरण (DBT के लिए), जमीन का रिकॉर्ड (खतौनी), और किसान रजिस्ट्रेशन संख्या अनिवार्य होंगे।
3. ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ क्या है और यह PMDDKY से कैसे जुड़ा है?
दलहन आत्मनिर्भरता मिशन एक समानांतर, लेकिन जुड़ी हुई योजना है जिसका उद्देश्य 2030-31 तक भारत को दालों के उत्पादन में पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाना है। यह मिशन PMDDKY के साथ मिलकर काम करेगा, क्योंकि दालों की खेती को बढ़ावा देना PMDDKY के ‘फसल विविधीकरण’ लक्ष्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
मिशन के लाभ: दाल की खेती करने वाले किसानों को विशेष प्रोत्साहन, उन्नत बीज की किट, और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सुनिश्चित खरीद की सुविधा मिलेगी।
PMDDKY: क्यों है यह योजना ‘एवरग्रीन’ और किसानों के लिए ऐतिहासिक?
इस योजना को न केवल मौजूदा खबर के रूप में बल्कि एक दीर्घकालिक नीतिगत सुधार (Long-Term Policy Reform) के रूप में देखा जा रहा है।
| योजना का एवरग्रीन पहलू | दीर्घकालिक प्रभाव |
| तकनीकी समावेश (Tech Integration) | ड्रोन, AI और डिजिटल डैशबोर्ड का उपयोग खेती को आधुनिक बनाएगा, जो आने वाले दशकों के लिए प्रासंगिक है। |
| जलवायु अनुकूलन (Climate Resilience) | सिंचाई सुविधाओं में सुधार और फसल विविधीकरण से किसान जलवायु परिवर्तन के प्रभावों (जैसे सूखे) का बेहतर ढंग से सामना कर सकेंगे। |
| बाजार संपर्क (Market Linkage) | नए भंडारण और लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर से किसान अपनी उपज को सही दाम पर बेचने के लिए सशक्त होंगे। |
| सांख्यिकीय निगरानी (Statistical Monitoring) | NITI Aayog द्वारा |
एक्सपर्ट की राय: कृषि के लिए अगले 6 साल अहम
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस योजना की शुरुआत करते हुए कहा कि, “PMDDKY भारत की कृषि यात्रा में एक मील का पत्थर है। पहली बार, ‘टॉप-डाउन’ और ‘बॉटम-अप’ (केन्द्र से दिशा-निर्देश और जिला स्तर से योजना) दोनों तरह की रणनीतियों को एक साथ लागू किया जा रहा है।”
योजना की सफलता स्थानीय ‘जिला धन-धान्य समिति’ पर निर्भर करेगी, जिसमें प्रगतिशील किसानों और कृषि विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। इन समितियों का काम यह सुनिश्चित करना होगा कि योजनाओं के सभी लाभ जमीनी स्तर पर जरूरतमंद किसानों तक पहुँचें।
निष्कर्ष: प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना 2025 भारत के जिलों में समृद्धि और आत्मनिर्भरता का एक नया अध्याय लिखने के लिए तैयार है। किसानों को इस योजना के दिशा-निर्देशों पर कड़ी नज़र रखनी चाहिए और इसका अधिकतम लाभ उठाने के लिए समय पर आवेदन करना चाहिए।