Gold Price Today : अंतरराष्ट्रीय और घरेलू बाजार में सोने की कीमतें लगातार नए रिकॉर्ड बना रही हैं। मंगलवार, 11 नवंबर 2025 को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर 10 ग्राम 24 कैरेट सोने का भाव ₹1,25,000 के ऐतिहासिक आंकड़े को पार कर गया।
विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की मजबूत संभावना, कमजोर डॉलर और भारत में शादी-ब्याह के सीजन की बढ़ती मांग के कारण सोने की चमक और बढ़ेगी, जिसके चलते यह भाव ₹1,26,000 के स्तर को भी छू सकता है।
सोने की कीमत में ऐतिहासिक उछाल: क्या है इसका कारण?
सोना, जिसे हमेशा से एक सुरक्षित और भरोसेमंद निवेश माना जाता रहा है, उसने एक बार फिर निवेशकों को अपनी ओर आकर्षित किया है। हाल के दिनों में इसकी कीमतों में जो जबरदस्त उछाल (Gold Price Hike) देखने को मिला है, उसके पीछे केवल घरेलू मांग नहीं, बल्कि कई महत्वपूर्ण वैश्विक आर्थिक कारक (Global Economic Factors Affecting Gold Price) काम कर रहे हैं।

1. अमेरिकी फेडरल रिजर्व और ब्याज दरें (US Federal Reserve and Interest Rates)
सोने की कीमतों पर सबसे बड़ा प्रभाव इस समय अमेरिका से आ रही खबरों का है। अमेरिकी सेंट्रल बैंक, फेडरल रिजर्व (US Fed) द्वारा ब्याज दरों में कटौती (Interest Rate Cut) की अटकलें तेज हो गई हैं, खासकर जॉब मार्केट के कुछ कमजोर आंकड़ों और आर्थिक नरमी के संकेतों के बाद।
- सोने पर असर: जब ब्याज दरें घटती हैं, तो बॉन्ड और बैंक जमा जैसे ब्याज देने वाले वित्तीय साधनों से मिलने वाला रिटर्न कम हो जाता है। ऐसे में निवेशक अपने धन को अधिक रिटर्न या सुरक्षा के लिए सोने (Gold) जैसे गैर-ब्याज वाली संपत्तियों में डालना शुरू कर देते हैं। मांग बढ़ने से कीमत में उछाल आता है।
2. कमजोर अमेरिकी डॉलर (Weak US Dollar)
सोने का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार अमेरिकी डॉलर में होता है।
- सोने पर असर: जब डॉलर कमजोर होता है, तो अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों (जैसे भारत और चीन) के लिए सोना सस्ता हो जाता है, क्योंकि उन्हें उतनी ही मात्रा के लिए अपनी स्थानीय मुद्रा में कम भुगतान करना पड़ता है। इससे सोने की मांग वैश्विक स्तर पर बढ़ जाती है और कीमतें ऊपर चली जाती हैं।
3. भू-राजनीतिक अनिश्चितता और आर्थिक मंदी (Geopolitical Tensions and Recession Fears)
दुनिया भर में चल रहे युद्ध, व्यापारिक तनाव और आर्थिक मंदी का डर (Economic Uncertainty) निवेशकों को जोखिम वाले बाजारों (जैसे शेयर बाजार) से दूर करता है।
- सोने पर असर: इन अनिश्चित समयों में, सोना एक ‘सुरक्षित आश्रय’ (Safe Haven Asset) के रूप में कार्य करता है। निवेशक अपनी पूंजी को बचाने के लिए इसे खरीदते हैं, जिससे मांग बढ़ती है और कीमतों को लगातार ऊपर की ओर धकेलती है।
🇮🇳 भारतीय बाजार और घरेलू मांग का योगदान
भारत सोने के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक है। यहां कीमती धातुओं की मांग केवल निवेश तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संस्कृति, त्योहारों और शादी-ब्याह से गहराई से जुड़ी हुई है।
1. शादी-ब्याह का सीजन (Wedding Season Demand)
दशहरा, धनतेरस, और दिवाली के बाद अब देश भर में शादी-ब्याह का लंबा सीजन (India Wedding Season) शुरू हो गया है। इस दौरान खुदरा मांग (Retail Demand) में भारी वृद्धि होती है।
- कीमतों पर असर: ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में आभूषणों की मांग में तेज बढ़ोतरी के कारण सोने की कीमतों पर ऊपर की ओर दबाव बना रहता है।
2. महंगाई के खिलाफ हेज (Hedge Against Inflation)
भारत में बढ़ती महंगाई (Inflation) के कारण, लोग अपनी बचत को मुद्रास्फीति के प्रभाव से बचाने के लिए सोने को सबसे भरोसेमंद संपत्ति मानते हैं। सोना पारंपरिक रूप से पैसे की क्रय शक्ति (Purchasing Power) को बनाए रखने में मदद करता है।
आज का सोने का भाव: प्रमुख शहरों में दरें (11 नवंबर 2025)
भारत में 24 कैरेट और 22 कैरेट सोने की कीमतों में अंतर होता है।1 24 कैरेट सोना 99.9% शुद्ध होता है, जबकि 22 कैरेट (91.6% शुद्धता) का उपयोग आमतौर पर आभूषण बनाने के लिए किया जाता है, जिसमें अन्य धातुएं मिलाई जाती हैं। (नोट: ये दरें GST और मेकिंग चार्ज के बिना हैं, जो शहर और ज्वैलर के आधार पर बदलती हैं।)
| शहर | 24 कैरेट सोना (प्रति 10 ग्राम) | 22 कैरेट सोना (प्रति 10 ग्राम) |
| मुंबई | ₹1,25,370 | ₹1,14,923 |
| दिल्ली | ₹1,25,230 | ₹1,14,790 |
| लखनऊ | ₹1,24,400 | ₹1,14,033 |
| चेन्नई | ₹1,25,600 | ₹1,14,920 |
एक्सपर्ट की राय: आगे क्या? (Gold Price Forecast)
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि सोने की कीमतों में यह तेजी अस्थायी नहीं है। पृथ्वीफिनमार्ट कमोडिटी रिसर्च से जुड़े विशेषज्ञों का अनुमान है कि सोने का भाव जल्द ही ₹1,26,000 के स्तर को छू सकता है, जबकि चांदी (Silver Price) भी ₹1,58,000 प्रति किलोग्राम के स्तर तक जा सकती है।
हालांकि, अश्वथ दामोदरन जैसे कुछ दिग्गज अर्थशास्त्रियों ने चेतावनी दी है कि सोना अपने ऐतिहासिक मूल्य से काफी महंगा बिक रहा है, और मौजूदा उछाल का एक बड़ा हिस्सा ‘डर के प्रीमियम’ (Fear Premium) की वजह से आया है। निवेशकों को लंबी अवधि का दृष्टिकोण अपनाते हुए, सोने को एक ‘सुरक्षित बीमा’ के तौर पर ही अपने पोर्टफोलियो में रखना चाहिए।
निष्कर्ष:
सोना इस समय अपने चरम पर है और इसके पीछे मजबूत वैश्विक और घरेलू कारक हैं। निवेश के लिए यह एक आकर्षक विकल्प बना हुआ है, लेकिन खरीदारों को अपने शहर की हॉलमार्किंग (Hallmarking) और कीमतों की तुलना (Gold Rate Comparison) करने के बाद ही खरीदारी करनी चाहिए।