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ED Raid Today: कोयला माफियाओं पर कसा शिकंजा, झारखंड-बंगाल में 40 ठिकानों पर ईडी की छापेमारी; जानें ₹1,452 करोड़ की संपत्ति का मामला

नई दिल्ली: देश में अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate – ED) ने आज 21 नवंबर 2025 को एक बड़ा एक्शन लिया है। ED ने अवैध कोयला खनन और इससे जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच के तहत, झारखंड और पश्चिम बंगाल में 40 से अधिक ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की है।

इस बड़े ऑपरेशन में 100 से अधिक ईडी अधिकारियों और कर्मचारियों को लगाया गया है। यह कार्रवाई न केवल कोयला माफियाओं पर एक बड़ा शिकंजा कसती है, बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था से काला धन (Black Money) को खत्म करने की सरकार की प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।

इसी बीच, ईडी ने एक अन्य मामले में, अनिल अंबानी के खिलाफ भी बड़ी कार्रवाई करते हुए ₹1,452 करोड़ की नई संपत्तियों को जब्त किया है। यहाँ जानें आज की सबसे बड़ी वित्तीय छापेमारी का पूरा विवरण, छापे का कारण, और अर्थव्यवस्था पर इसका क्या असर होगा।

1. 💰 बंगाल-झारखंड में ED की छापेमारी: क्या है अवैध कोयला खनन घोटाला?

ईडी की यह कार्रवाई उन संगठित गिरोहों के खिलाफ है जो अवैध रूप से कोयले का खनन कर रहे थे और इस काले धन को मनी लॉन्ड्रिंग के माध्यम से सफेद कर रहे थे।

छापेमारी के मुख्य बिंदु

  • स्थान: पश्चिम बंगाल और झारखंड में 40 से ज़्यादा ठिकाने।
  • शामिल लोग: अवैध खनन में शामिल कोयला माफिया, उनसे जुड़े राजनेता और स्थानीय सरकारी अधिकारी।
  • बरामदगी: ईडी को छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में नकद (Cash), सोना, गहने और आपत्तिजनक डिजिटल दस्तावेज़ बरामद हुए हैं।
  • जाँच का आधार: ED इस बात की जाँच कर रही है कि अवैध रूप से कमाए गए पैसे का उपयोग कहां किया गया, और क्या इस पैसे को फर्जी कंपनियों (Shell Companies) के माध्यम से देश के बाहर भेजा गया था।

अवैध खनन का नुकसान: अवैध कोयला खनन से न केवल सरकार को राजस्व का भारी नुकसान होता है, बल्कि यह खनन क्षेत्रों में पर्यावरण और मजदूरों की सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा पैदा करता है।

2. अनिल अंबानी पर ED का बड़ा एक्शन: ₹1,452 करोड़ की संपत्ति जब्त

कोयला खनन की छापेमारी के साथ ही, आज एक और बड़ी खबर सामने आई है। ईडी ने एक अलग मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उद्योगपति अनिल अंबानी और उनके समूह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए ₹1,452 करोड़ की नई संपत्तियों को जब्त किया है।

संपत्ति जब्ती का मामला

  • मामला: यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत की गई है।
  • जब्ती का उद्देश्य: ईडी का उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल संपत्तियों को जब्त करना और अंततः उन्हें सरकारी खजाने में वापस लाना है।

असर: यह कार्रवाई देश में बड़े कॉर्पोरेट घोटालों के खिलाफ सरकारी एजेंसियों की सख्त निगरानी को दर्शाती है। यह दिखाता है कि वित्तीय अनियमितताओं में शामिल किसी भी व्यक्ति या समूह को बख्शा नहीं जाएगा।

3. PMLA: मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम क्या है?

ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों की जाँच PMLA (Prevention of Money Laundering Act), 2002 के तहत करती है।

PMLA की शक्तिविवरण
संपत्ति जब्त करनाPMLA ईडी को मनी लॉन्ड्रिंग से अर्जित की गई किसी भी संपत्ति को अस्थायी रूप से जब्त (Attachment) करने की अनुमति देता है।
गिरफ्तारी का अधिकारईडी के अधिकारियों को मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में शामिल व्यक्तियों को गिरफ्तार करने का अधिकार है।
जाँच का दायरायह अधिनियम केवल देश के भीतर नहीं, बल्कि विदेशों में किए गए मनी लॉन्ड्रिंग के कृत्यों की जाँच करने का भी अधिकार देता है।

आवश्यकता: PMLA का सख्त उपयोग देश की वित्तीय प्रणाली को काला धन और अवैध गतिविधियों के प्रभाव से मुक्त रखने के लिए अत्यंत आवश्यक है।

4. अर्थव्यवस्था पर छापेमारी का असर: काला धन पर लगाम

इस तरह की हाई-प्रोफाइल छापेमारी और संपत्ति जब्ती का सीधा और सकारात्मक असर अर्थव्यवस्था पर पड़ता है।

  • पारदर्शिता (Transparency): यह कार्रवाई वित्तीय बाज़ारों में पारदर्शिता बढ़ाती है और निवेशकों को यह संदेश देती है कि देश की अर्थव्यवस्था में अवैध गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
  • सरकारी राजस्व: अवैध खनन से जुड़े राजस्व के नुकसान की भरपाई में मदद मिलती है और काला धन वापस अर्थव्यवस्था के मुख्य धारा में आता है।
  • टैक्स अनुपालन: सख्ती से टैक्स चोरी कम होती है और लोग ईमानदारी से टैक्स का भुगतान करने के लिए प्रेरित होते हैं।

निष्कर्ष: सरकार का सख्त रुख

आज, 21 नवंबर 2025, को ED की झारखंड-बंगाल और अनिल अंबानी समूह पर की गई कार्रवाई यह स्पष्ट करती है कि सरकार अवैध वित्तीय गतिविधियों के खिलाफ सख्त रुख अपना रही है। अवैध कोयला खनन से लेकर हाई-प्रोफाइल मनी लॉन्ड्रिंग तक—ईडी की यह व्यापक जाँच देश की वित्तीय प्रणाली की अखंडता (Integrity) को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। आने वाले दिनों में इस छापेमारी से जुड़े और भी बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।

Ishika Rai

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