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Motilal Oswal Research Allegations: ‘Buy’ रेटिंग के बाद ₹490 करोड़ के शेयर बेचे, Kaynes Technology शेयर प्राइस पर विवाद क्यों?

नई दिल्ली: भारतीय शेयर बाजार में आज 21 नवंबर 2025 को एक बड़ा विवाद और चिंता का माहौल है। यह विवाद घरेलू ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (Motilal Oswal) और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग कंपनी कायनेस टेक्नोलॉजी इंडिया लिमिटेड (Kaynes Technology India Ltd.) से जुड़ा है।

यह मामला तब सामने आया जब मोतीलाल ओसवाल की ‘बाय-साइड (Buy-Side)’ इकाई ने Kaynes Technology के लगभग ₹490 करोड़ के शेयर बाजार में बेच दिए, जबकि कंपनी की ‘सेल-साइड (Sell-Side)’ रिसर्च इकाई ने कुछ ही दिन पहले इस स्टॉक पर ₹8,200 के टारगेट प्राइस के साथ ‘खरीदें’ (Buy) रेटिंग जारी की थी।

इस विरोधाभासी कदम ने सोशल मीडिया पर ‘नैतिकता’ और रिसर्च की विश्वसनीयता (Credibility of Research) पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यहाँ जानें यह पूरा मामला क्या है, Kaynes Technology Share Price पर इसका क्या असर हुआ, और मोतीलाल ओसवाल ने इन आरोपों पर क्या सफाई दी है।

1. 📉 Kaynes Technology Share Price: विवाद का केंद्र

Kaynes Technology, जो इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम और डिज़ाइन मैन्युफैक्चरिंग (ESDM) सेगमेंट में काम करती है, का शेयर पिछले कुछ समय से फोकस में रहा है। 18 नवंबर को हुए बड़े लेनदेन के कारण स्टॉक में भारी गिरावट आई।

विवाद के केंद्र में आया ट्रेड (18 नवंबर 2025)

घटनाक्रमविवरणस्टॉक पर असर
लॉक-इन पीरियड समाप्त18 नवंबर को Kaynes Tech के शेयरधारकों का लॉक-इन पीरियड समाप्त हुआ।लगभग 1.16 करोड़ शेयर, या कंपनी की लगभग 17-20% इक्विटी ट्रेडिंग के लिए पात्र हो गई।
मोतीलाल ओसवाल की बिक्रीमोतीलाल ओसवाल की ‘बाय-साइड’ इकाई ने लॉक-इन खत्म होते ही 8.17 लाख शेयर (₹490 करोड़ मूल्य के) बेच दिए।स्टॉक एक ही दिन में 6% से अधिक गिर गया।

वर्तमान स्थिति (21 नवंबर): आज, Kaynes Technology Share Price ₹5,918.50 के आसपास कारोबार कर रहा है। यह स्टॉक अपने 52-सप्ताह के उच्च स्तर (₹7,822) से काफी नीचे आ चुका है।

2. Motilal Oswal Research Allegations: आरोपों का आधार

आरोपों का मुख्य आधार मोतीलाल ओसवाल की दोहरी भूमिका है, जिसने बाज़ार में एक बड़ा विरोधाभास पैदा किया।

आरोप क्या हैं?

  1. 5 नवंबर को ‘Buy’ रेटिंग: कंपनी के तिमाही नतीजों (Q2) के तुरंत बाद, मोतीलाल ओसवाल की ‘सेल-साइड’ (Sell-Side) रिसर्च टीम ने Kaynes Technology पर ‘खरीदें’ (Buy) रेटिंग जारी की थी और ₹8,200 का टारगेट प्राइस दिया था (जो मौजूदा कीमत से 23% अधिक था)।
  2. 18 नवंबर को बिक्री: इस ‘खरीदें’ रेटिंग के कुछ ही दिनों बाद, मोतीलाल ओसवाल की ‘बाय-साइड’ (Buy-Side) एसेट मैनेजमेंट यूनिट ने भारी मात्रा में शेयर बेच दिए।

सोशल मीडिया पर सवाल: निवेशकों ने सोशल मीडिया पर सीधे सवाल उठाया कि जब रिसर्च टीम खरीदारी की सलाह दे रही थी, तो फंड मैनेजमेंट टीम ने इतना बड़ा हिस्सा क्यों बेच दिया? इसे रिसर्च की अखंडता (Integrity) के खिलाफ माना गया।

3. मोतीलाल ओसवाल की सफाई: ‘स्वतंत्रता ही मानक’

आरोपों के बाद, मोतीलाल ओसवाल को सार्वजनिक रूप से स्पष्टीकरण देना पड़ा।

कंपनी का बचाव

  • स्वतंत्र संचालन: मोतीलाल ओसवाल ने स्पष्ट किया कि उनकी ‘सेल-साइड रिसर्च’ (जो रिसर्च रिपोर्ट जारी करती है) और ‘बाय-साइड एएमसी’ (जो म्यूचुअल फंड का प्रबंधन करती है और शेयर खरीदती/बेचती है) की टीमें पूरी तरह से स्वतंत्र रूप से काम करती हैं।
  • मानक अभ्यास: उनका कहना है कि दोनों टीमों की स्वतंत्रता उद्योग का एक मानक अभ्यास है और फंड मैनेजमेंट टीम अपने निवेश दर्शन, फंड अधिदेश (Fund Mandates) और जोखिम ढांचे के आधार पर निर्णय लेती है।
  • आरोपों को नकारा: कंपनी के सह-संस्थापक मोतीलाल ओसवाल ने इन आरोपों को ‘बेबुनियाद, झूठा और पूर्णतः अनुचित’ बताते हुए खारिज कर दिया।11

SEBI की निगरानी: इस तरह के मामलों में SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) की निगरानी बढ़ जाती है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कहीं हितों का कोई टकराव (Conflict of Interest) तो नहीं था।

4. Kaynes Technology का प्रदर्शन और भविष्य का दृष्टिकोण

Kaynes Technology एक मजबूत कंपनी है, और यह विवाद केवल बाहरी ट्रेडिंग गतिविधि से संबंधित है।

  • Q2 प्रदर्शन: कंपनी ने Q2 FY26 में शुद्ध लाभ में 102% की वृद्धि दर्ज की है। राजस्व में भी 58% की तेज़ी आई है।
  • ऑर्डर बुक: कंपनी की ऑर्डर बुक ₹8,099 करोड़ (30 सितंबर 2025 तक) है, जो मजबूत भविष्य के विकास का संकेत देती है।
  • ब्रोकरेज टारगेट: Nomura जैसे ब्रोकरेज ने अभी भी ₹8,478 के टारगेट प्राइस के साथ ‘खरीदें’ रेटिंग बनाए रखी है।

निष्कर्ष: शेयर प्राइस पर अस्थायी दबाव ट्रेडिंग गतिविधि के कारण आया है, न कि कंपनी के खराब प्रदर्शन के कारण।

निष्कर्ष: निवेशकों को क्या करना चाहिए?

Motilal Oswal Research Allegations ने ब्रोकरेज रिसर्च की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए हैं। निवेशकों को यह समझना चाहिए कि लॉक-इन समाप्त होने पर बड़े निवेशक मुनाफा वसूली कर सकते हैं।

Kaynes Technology के मजबूत फंडामेंटल्स (ऑर्डर बुक और मुनाफा) दीर्घकालिक निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत हैं, जबकि अल्पकालिक अस्थिरता (Short-term Volatility) जारी रह सकती है। निवेश का निर्णय हमेशा अपने जोखिम प्रोफाइल के आधार पर सावधानीपूर्वक लेना चाहिए।

Ishika Rai

Ishika Rai

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